Madhu Gupta "अपराजिता" 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read जब मैं बिख़र रही हूँ तो कोई ना मेरे नज़दीक आना। जब मैं बिख़र रही हूँ तो कोई ना मेरे नज़दीक आना। क्योंकि झूठ का साया मुझे और बेचैन कर जाता है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 11 Mar 2025 · 1 min read " " "इससे पहले कोई आपका नंबर अपने फोन से डिलीट करें। अपने आपको हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से डिलीट कर लो।।" मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Mar 2025 · 1 min read 'क्या फ़र्क पड़ता है' 'क्या फ़र्क पड़ता है' जो ना है रंग गोरा हां नाक भी है थोड़ी दबी नहीं सुंदर हैं होंठ गुलाब की पंखुड़ी से और हाँ आंखें भी तो हैं छोटी... Quote Writer 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Mar 2025 · 1 min read जो पढ़ लेते दिल और दिमाग़ तो रोते कितनों के दिल ज़ार ज़ार। जो पढ़ लेते दिल और दिमाग़ तो रोते कितनों के दिल ज़ार ज़ार। किया रहम 'अता उस ख़ुदा ने, जिसने ये हुनर ना हमें बख़्शा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो। ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो। ना लगाओ ताला ज़ुबान पे बस खुलकर बोलने का अधिकार रहने दो।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read धूप थी छाँव थी,फूलों की भी भरमार थी। धूप थी छाँव थी,फूलों की भी भरमार थी। मग़र होठों पर मुस्कान,पहले जैसी ना ख़ास थी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read मैं उस पल में ख़ुद को छोड़ आई हूँ मैं उस पल में ख़ुद को छोड़ आई हूँ और माँ की याद वहाँ से साथ में उठा लाई हूँ कौन कहता है वक़्त बीत गया हैं मैं आज भी... Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको। आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको। हम है ज़िंदा या मुर्दा,झकझोरो कोई हमको ज़ोर से।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read नींद बन गई है प्रीतम और मैं उसकी विरह की मारी। नींद बन गई है प्रीतम और मैं उसकी विरह की मारी। बिना शिकवा शिकायत के हो गई 'उड़न छू' हमसे हमारी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठि कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठिन था। मग़र यहाँ नींद से जाग कर ज़िंदा दिखाना भी सफ़र का एक चलन था।।... Quote Writer 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Mar 2025 · 1 min read 'महिला दिवस स्पेशल' 'महिला दिवस स्पेशल' हमीं से है रौनक घर की, हमीं से हीरे मोती के कारोबार चलते हैं। कौन कहता है दिन एक हैं हमरा, हम से तो सुबह शाम चलते... Quote Writer 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Mar 2025 · 1 min read "और बताओ" और बताओ हर पल को कैसे व्यतीत करते हो तुम। करते हो हंसी ठिठोली या हरदम घुटते रहते हो तुम।। पल-पल जाती घड़ियों से कुछ ख्वाब सजाते हो तुम। यह... Hindi · कविता 40 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी। चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी। कहां मालूम है इनको ज़िंदगी आगे इन्हें क्या तमाशा दिखलाएगी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे। घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे। ये सांस रुक भी जाए तो समय का पहिया नहीं रुकता।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के। सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के। करे सौदा कोई चांद का तो कोई लगाए बोली सितारों की।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read भरोसा मुक़द्दर से ज़ियादा जब ख़ुद पे हो जाए। भरोसा मुक़द्दर से ज़ियादा जब ख़ुद पे हो जाए। किनारा ख़ुद-बा-ख़ुद आ कर माझी से लिपट जाए।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Mar 2025 · 1 min read "आता जाता मौसम" रात रागिनी करे तमाशा, आधा आधा तमाशा है हर जीवन का सांचा सांचा हृदय कभी ना किसी को छलाता छलाता छलावा कर दे रिश्तों को आधा आधापन प्रेम में डाले... Hindi · कविता 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Mar 2025 · 1 min read मैं हूँ, मुर्दा या जिंदा.... मैं हूँ, मुर्दा या जिंदा..... ये अहसास दिलाने की खातिर, मैं जोरों से चिल्लाती हूं मैं शोर भी खूब मचाती हूँ लगती हूँ जोरों से हँसने और रोने का ढोंग... Hindi · कविता 52 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Mar 2025 · 1 min read जो कभी फूल थे, वो आज काँटों में शुमार हो गये। जो कभी फूल थे, वो आज काँटों में शुमार हो गये। दामन बचा कर चलने वालों, गौहर कब से पत्थरों में शुमार हो गये।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Mar 2025 · 1 min read "कश्मकश" कश्मकश ना रखो, ना रखो कोई भय और संताप। सच्चाई के पथ पे चलते हुए, चाहे आए जितनी भी आंच।। मनमर्जी ना चलेगी तेरी,चाहे जितना रख लो अभियान। कड़ी नज़र... Hindi · कविता 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Mar 2025 · 1 min read दो कदम की दूरी पे,मंज़िल थी सपनों की आसान। दो कदम की दूरी पे,मंज़िल थी सपनों की आसान। पर वो दो कदम ही ना चल पाएं, तमाम उम्र कर दी ख़ाक।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Mar 2025 · 1 min read खुलती हैं खिड़कियाँ मग़र घुटते रह जाते सपने हज़ार है। खुलती हैं खिड़कियाँ मग़र घुटते रह जाते सपने हज़ार है। साखियों से झाँकते किरदार तुफ़ानों का बेसब्री से करते इंतज़ार है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Mar 2025 · 1 min read चाँद को कहाँ है अंदाज़ा की उसमें दाग़ भी है। चाँद को नहीं ख़बर की उसमें भी दाग़ है। चाँदनी बिख़राने बाला इस कदर भी बदनाम है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read "हर कहानी के दो पहलू होते हैं, एक वो जो हमको दिखाया जाता है "हर कहानी के दो पहलू होते हैं, एक वो जो हमको दिखाया जाता है और दूसरा वो सच जिसे बड़ी होशयारी से छिपा लिया जाता है।, लोग जान कर भी... Quote Writer 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read किसी ने कर लिये गुनाह कोई पीर बन बैठा। किसी ने कर लिये गुनाह कोई पीर बन बैठा। किसी ने झूठ से रंग लिया दामन कोई सच बोल कुंदन हो गया।। किसी ने वक़्त पे करके भरोसा मौत को... Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read जो भुलाया हैं तो वजह कोई बड़ी ही रही होगी। जो भुलाया हैं तो वजह कोई बड़ी ही रही होगी। यूहीं कोई हाथ झटक कर थोड़े ही जाता है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read ना मोहब्बत ना इज़हार-ए-वफ़ा,ना कोई जज़्बात रहा। ना मोहब्बत ना इज़हार-ए-वफ़ा,ना कोई जज़्बात रहा। मेरे बेज़ार-ए-दिल में अब ना किसी का ख़याल रहा।। मैं तो शाख़ से टुटा हुआ वो सूखा पत्ता हूँ। जिसे सिर्फ़ ख़ाक होने... Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read कमाल किया उस ख़ुदा ने, कमाल किया उस ख़ुदा ने, जिसने दिल पढ़ने का हुनर ना दिया। जो पढ़ लेते दिल दूजे का, तो कितनों के दिल अफ़सोस मनाते रह जाते।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read पग पग उलझन नई खड़ी है पग पग उलझन नई खड़ी है, पर हर किसी को अपनी पड़ी है। ना समझे कोई कौन यहाँ दुखी है, बस सभी को अपनी खुशियों की चिंता पड़ी है।। देख... Hindi · कविता 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 28 Feb 2025 · 1 min read आँखे तो भर आती थी रिश्तों के लिए। आँखे तो भर आती थी रिश्तों के लिए। मग़र दिल में जुस्तुजू न रही किसी के लिए।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 41 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Feb 2025 · 1 min read मुर्दा पड़ी थी कब से अब जाकर होश आया है। मुर्दा पड़ी थी कब से अब जाकर होश आया है। उसके काँधे पे मेरा सर है ये अब जा कर याद आया है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Feb 2025 · 1 min read मैं हर एक लम्हें का जी भर कर लुत्फ़ उठाती हूँ। मैं हर एक लम्हें का जी भर कर लुत्फ़ उठाती हूँ। तू नहीं तेरी यादों संग लतीफ़े-बाज़ी करती हूं।। रहती हूँ हरदम ख़्वाबों के रंगीन अहाते में। और फ़िर ख़्वाहिशों... Quote Writer 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Feb 2025 · 1 min read "आत्मा-परमात्मा,धड़कन और दिल का एक दिशा में जब संयोजन हो जात "आत्मा-परमात्मा,धड़कन और दिल का एक दिशा में जब संयोजन हो जाता है, तब सारी सृष्टि परमात्मा का रूप ले लेती है और हर एक चीज़ ख़ूबसूरत नज़र आने लगती है।।... Quote Writer 32 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Feb 2025 · 1 min read ग़ज़ल ज़माने भर की ख़ुशियों का वो वादा साथ करता था। तेरे होने से मैं हूँ ,ये कहकर मुख़ातिब मुझको करता था।। ज़मीं पर चांद तारे लाकर तेरा दामन को सजा... Hindi · ग़ज़ल 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Feb 2025 · 1 min read सताएं लाख परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में, सताएं लाख परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में, मग़र मासूमियत से भरा हृदय कभी खोने नहीं देना।। मिल चाहे जितने गहरे ज़ख़्म गुजरते हुए हालातों से, मग़र अपने अंदर... Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 26 Feb 2025 · 1 min read "शिवमय सब हो जाए" जो जपे महादेव का नाम तब शिवमय हो जाए ये संसार। उनसे बढ़कर कोई न दूजा हर मंदिर हर घर में वो पूजे जाएं राम नवाते सर अपना और हनुमान... Hindi · कविता 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 26 Feb 2025 · 1 min read मुझे अपने तक पहुंचाने का रास्ता दिखलाओं मेरे प्रभु। मुझे अपने तक पहुंचाने का रास्ता दिखलाओं मेरे प्रभु। किया है जो विलग सबसे तो अपने से मिलाओं मेरे प्रभु।। अभी भी हूँ सैकड़ों मील की दूरी पर तुमसे मेरे... Quote Writer 37 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Feb 2025 · 1 min read मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है। मेरे हमदम ने मुझको साहिल अपना बनाया है। तुफ़ानों का नहीं है डर मांझी ख़ुदा को बनाया है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 34 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Feb 2025 · 1 min read फूलों का बगीचा नदी के उस पार है। फूलों का बगीचा नदी के उस पार है। मांझी है ना कश्ती वहाँ जाना दुश्वार है।। जुग्नुओं का बसेरा भंवरो की झनकार है। तितलियों का रसपान करना हुआ दुश्वार है।।... Quote Writer 1 41 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Feb 2025 · 1 min read स्याही का भी दाम लगे और कलम भी बिक जाए। स्याही का भी दाम लगे और कलम भी बिक जाए। दौलत के आगे अच्छे-अच्छों की नीयत बिगड़ जाए।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 42 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 24 Feb 2025 · 3 min read चीख़ (लेख) सुना है चीखों की ध्वनि को कभी क्या...? बताओं सुना है कभी रुंदन करती तो.कभी उन्माद मचाती..... तो कभी हृदय के दर्द को बाहर निकालती चीख़ को। नहीं होती चीख़ें... Hindi · लेख 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 24 Feb 2025 · 1 min read हंसती हुई लड़की को रुला गया है कोई। हंसती हुई लड़की को रुला गया है कोई। दे कर चाँद का भ्रम,चाराग़ बुझा गया कोई।। तुफ़ा में कस्ती देख,माँझी बन नजदीक आ गया कोई। लहरों का मिला साथ तो... Quote Writer 44 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 24 Feb 2025 · 1 min read आजकल वो मुझे पे कुछ ज्यादा ही महेरबाँ दिखती है, आजकल वो मुझे पे कुछ ज्यादा ही महेरबाँ दिखती है, गुस्से में मुझे मेरी दादी माँ से कम नहीं लगती है। बड़ी-बड़ी आंखों से जब वो मुझे टटोलती है, तब... Quote Writer 44 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 24 Feb 2025 · 1 min read प्रीत करो तो ऐसी करो की जग हो जाएं हैरान। प्रीत करो तो ऐसी करो की जग हो जाएं हैरान। फिर सारी दुनिया भूल जाओ तुम प्रीत को बना लो श्याम।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 40 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 23 Feb 2025 · 1 min read "मिट्टी के घरौंदे" मिट्टी के घरौंदों से याद आया..... नानी-दादी लिपटी और पोतती वो मिट्टी के घरौंदे, घरौंदों के अंदर बनाती अनाज रखने को मिट्टी के कोठले और भरकर अनाज पूरे साल का... Hindi · कविता 43 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 23 Feb 2025 · 1 min read कहाँ और किस के दर पे जाए शिकायत लेकर, कहाँ और किस के दर पे जाए शिकायत लेकर, तुम ही कोई रास्ता सुझाओं मेरे मौला। जो हो चुके हैं अपंग दिल और दिमाग़ से, उनका इलाज़ किस चारा-गर से... Quote Writer 46 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Feb 2025 · 1 min read "इत्र, मित्र, और चरित्र किसी परिचय के मोहताज नहीं होते, "इत्र, मित्र, और चरित्र किसी परिचय के मोहताज नहीं होते, उनकी प्रस्तुति बिना बताए ही सुगंधित हो उठती है।" मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 49 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Feb 2025 · 1 min read "सच्चा मनुष्य वह है जो सदाचार का पालन करते हुए निष्काम भाव "सच्चा मनुष्य वह है जो सदाचार का पालन करते हुए निष्काम भाव से दूसरों की सहायता करने के लिए तात्पर्य रहता है, और प्रभु को एक क्षण के लिए भी... Quote Writer 41 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Feb 2025 · 3 min read "सदमा" (लेख) सदमा एक ऐसी वेदना और ऐसा दर्द है जिमें व्यक्ति ख़ुद का नहीं रहता। सुख दुख का अनुभव जहाँ समाप्त हो जाता है.. होठ तो होते है पर मुस्काना भूल... Hindi · लेख 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Feb 2025 · 1 min read मज्मा' दोस्तों का मेरे खिलाफ़ हो गया, मज्मा' दोस्तों का मेरे खिलाफ़ हो गया, करीब था जो वहीं सर-ए-बाज़ार हो गया। जान गई थी राज़ उनके दिल के, इस दरमिया दूरियों में इज़ाफ़ा हो गया।। मधु गुप्ता... Quote Writer 32 Share Previous Page 2 Next