कमाल किया उस ख़ुदा ने,

कमाल किया उस ख़ुदा ने,
जिसने दिल पढ़ने का हुनर ना दिया।
जो पढ़ लेते दिल दूजे का,
तो कितनों के दिल अफ़सोस मनाते रह जाते।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
कमाल किया उस ख़ुदा ने,
जिसने दिल पढ़ने का हुनर ना दिया।
जो पढ़ लेते दिल दूजे का,
तो कितनों के दिल अफ़सोस मनाते रह जाते।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”