सताएं लाख परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में,

सताएं लाख परेशानियां क्यों न जीवन के सफर में,
मग़र मासूमियत से भरा हृदय कभी खोने नहीं देना।।
मिल चाहे जितने गहरे ज़ख़्म गुजरते हुए हालातों से,
मग़र अपने अंदर का वो मासूम बच्चा कभी मरने नहीं देना नहीं ।।
बनाए रखना अपने व्यक्तित्व को सदा साफ और सच्चा,
दे कर दुहाई तकलीफ़ की रास्ता गलत इख्तियार कभी मत करना।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”