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1 May 2024 · 1 min read

संदेश

एक संदेश आया है

एक संदेश आया है मेरे बाबुल
का मेरे नाम,
अपनी खुशियों को कर दिया
जिसने मेरे नाम।

आना बिटिया तुझ बिन घर
की दहलीज सूनी है,
चुपचाप हैं दीवारें चुपचाप सा
है मेरा मकान।

याद आये तेरा घर घर खेलना
संवारना बाल गुड़ियों के,
रखा है तेरे कमरे में सहेज कर
तेरा सामान।

माँ चुप रहती है आँखों मे उसकी
नमी रहती है,
भाई भी ढूंढे तुझे घर के हर कोने
में खामोश है जुबान।

चहकती ऐसे तुम जैसे चहके पेड़
पर चिड़ियां,
अब कौन चहके चारों तरफ सब
है सुनसान।

दिन बहुत हुए तुझ से मिले आ
के मिल जा,
खुश रहे तू सदा वहाँ जहाँ अब
है तेरा अपना मकाम।

सीमा शर्मा

1 Like · 50 Views

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