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16 Feb 2024 · 1 min read

नाविक

रोज समंदर की लहरों पर
नौका अपनी चलाते हैं ।
फौलादी बांहों में चप्पू थामें
तूफानों से भिड़ जाते हैं
गहरे सागर की तलहटी में जाकर
सागर की गहराई से मोती लाते है
मेहनत कश लोगों के घर चलते हैं
माझी तूफान से नहीं डरते हैं
जाल बिछाते हैं मछली फसाते है
यही तो इनकी आजीविका के साधन है
स्वच्छता की चुनौती को स्वीकार कर
हय्या हो हय्या हो रात के अंधेरे में गाते है

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