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3 Mar 2025 · 1 min read

जो कभी फूल थे, वो आज काँटों में शुमार हो गये।

जो कभी फूल थे, वो आज काँटों में शुमार हो गये।
दामन बचा कर चलने वालों, गौहर कब से पत्थरों में शुमार हो गये।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”

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