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18 Feb 2024 · 1 min read

*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग….!!! ***

“” प्रेम रंग ऐसा हो…
राधे-माधव जैसा हो…!
नयन दृष्टि से अगोचर…
न किसी तृष्णा का असर…!
आंखों पे, ना नजर हो…
प्रेम में केवल कृष्ण ही रंग हो…!
सूरत या रंगत की, ना फिकर हो…
प्रेम में केवल, प्रेम का ही समर्पण हो…!
प्रेम ऐसा हो…
कृष्ण की परछाई में राधा की छवि हो…!
आत्मा से जुड़ा…
कृष्ण से रंगा निर्मल धागा हो…!
प्रेम में केवल, प्रेम ही उपहार हो…
अवनि-अंबर में वृंदावन सा प्रेम नगर हो…!
प्रेम में ” मैं ” और ” मद ” का,
ना कोई घर हो…
प्रेम अगन में केवल और केवल,
कृष्ण रंग का ही असर हो…!! “”

**********∆∆∆*********

Language: Hindi
382 Views
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