घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे।

घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे।
ये सांस रुक भी जाए तो समय का पहिया नहीं रुकता।। मधु गुप्ता “अपराजिता”
घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे।
ये सांस रुक भी जाए तो समय का पहिया नहीं रुकता।। मधु गुप्ता “अपराजिता”