Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2025 · 1 min read

शिक्षक दिवस

नित प्रात: गुरु वंदन मे मै दर्शन आपका करती हूँ,
जीवन की हर बेला मे आदर्श आपका रखती हूँ!
मासूम सी मुस्कान लिए जीवन का पाठ पढ़ाना,
याद आती है वो हृदयग्राहि मधुरित बाते, जो गूंजती है
अब भी कहीं आत्मा की गहराईयों में,
शिष्या हूँ और तनया भी यह सौभाग्य हमारा,
माटी की इस काया को जो ज्ञान का दीपक बनाया!
शिक्षक दिवस के शुभ संध्या में
करती हूँ साभार सहृदय श्रद्धा सुमन समर्पित आपको,
यह मानव जीवन आपने जो सार्थक बनाया!

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 24 Views

You may also like these posts

एक अधूरी दास्तां
एक अधूरी दास्तां
Sunil Maheshwari
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
Sanjay ' शून्य'
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तुम, तुम और तुम
तुम, तुम और तुम
Acharya Shilak Ram
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
Ravi Prakash
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
शेखर सिंह
शब्द
शब्द
Mamta Rani
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
Neelofar Khan
सुनो
सुनो
sheema anmol
सुलगती आग
सुलगती आग
Shashi Mahajan
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
Shweta Soni
तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’
तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’
कवि रमेशराज
शायर हुआ हूं मैं
शायर हुआ हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बिटिया विदा हो गई
बिटिया विदा हो गई
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
वनिता
वनिता
Satish Srijan
निश्चित जो संसार में,
निश्चित जो संसार में,
sushil sarna
Monday Morning!
Monday Morning!
R. H. SRIDEVI
"क्या मैं वही नही हूं"
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
बच्चें और गर्मी के मज़े
बच्चें और गर्मी के मज़े
अमित
ग्यारह मई
ग्यारह मई
Priya Maithil
😢बताए सरकार😢
😢बताए सरकार😢
*प्रणय*
मेरे भगवान
मेरे भगवान
MUSKAAN YADAV
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
Neeraj Agarwal
जिंदगी का एकाकीपन
जिंदगी का एकाकीपन
मनोज कर्ण
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
Ajit Kumar "Karn"
Stepping out of your comfort zone is scary.
Stepping out of your comfort zone is scary.
Ritesh Deo
कुतरने का क्रम
कुतरने का क्रम
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
Loading...