किसी ने कर लिये गुनाह कोई पीर बन बैठा।

किसी ने कर लिये गुनाह कोई पीर बन बैठा।
किसी ने झूठ से रंग लिया दामन कोई सच बोल कुंदन हो गया।।
किसी ने वक़्त पे करके भरोसा मौत को भी हरा दिया।
कोई जिंदगी और मौत के बीच में गोते लगाता ही रह गया।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”