Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2025 · 1 min read

मैं हर एक लम्हें का जी भर कर लुत्फ़ उठाती हूँ।

मैं हर एक लम्हें का जी भर कर लुत्फ़ उठाती हूँ।
तू नहीं तेरी यादों संग लतीफ़े-बाज़ी करती हूं।।
रहती हूँ हरदम ख़्वाबों के रंगीन अहाते में।
और फ़िर ख़्वाहिशों के पंख लगा आसमाँ चूमा करती हूँ।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”

39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नाम : बाबिया खातून
नाम : बाबिया खातून
Babiya khatoon
क्या इंसान को इंसान की जरूरत नहीं रही?
क्या इंसान को इंसान की जरूरत नहीं रही?
Jyoti Roshni
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संदेश
संदेश
seema sharma
मेहँदी......
मेहँदी......
sushil sarna
Dil Bekhabar
Dil Bekhabar
madhur nagraj
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किताब ए दिल
किताब ए दिल
हिमांशु Kulshrestha
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
Shashi kala vyas
कत्ल
कत्ल
NAVNEET SINGH
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
मेरा सपना
मेरा सपना
Anil Kumar Mishra
मौत से डर या अपनों से डर
मौत से डर या अपनों से डर
MEENU SHARMA
मेरे दिल की गलियों में तुम छुप गये ऐसे ,
मेरे दिल की गलियों में तुम छुप गये ऐसे ,
Phool gufran
प्रकाशोत्सव
प्रकाशोत्सव
Madhu Shah
"दर्द की तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
काजू निषाद
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Dr.sima
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
*अन्नप्राशन संस्कार और मुंडन संस्कार*
Ravi Prakash
उजले ख्वाब।
उजले ख्वाब।
Taj Mohammad
बस करो, कितना गिरोगे...
बस करो, कितना गिरोगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
🌹अपना ख्याल रखियें🌹
🌹अपना ख्याल रखियें🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
Priya princess panwar
Loading...