“आत्मा-परमात्मा,धड़कन और दिल का एक दिशा में जब संयोजन हो जात

“आत्मा-परमात्मा,धड़कन और दिल का एक दिशा में जब संयोजन हो जाता है, तब सारी सृष्टि परमात्मा का रूप ले लेती है और हर एक चीज़ ख़ूबसूरत नज़र आने लगती है।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
“आत्मा-परमात्मा,धड़कन और दिल का एक दिशा में जब संयोजन हो जाता है, तब सारी सृष्टि परमात्मा का रूप ले लेती है और हर एक चीज़ ख़ूबसूरत नज़र आने लगती है।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”