हंसती हुई लड़की को रुला गया है कोई।

हंसती हुई लड़की को रुला गया है कोई।
दे कर चाँद का भ्रम,चाराग़ बुझा गया कोई।।
तुफ़ा में कस्ती देख,माँझी बन नजदीक आ गया कोई।
लहरों का मिला साथ तो तुफ़ानों के बीच में छोड़ गया कोई।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
हंसती हुई लड़की को रुला गया है कोई।
दे कर चाँद का भ्रम,चाराग़ बुझा गया कोई।।
तुफ़ा में कस्ती देख,माँझी बन नजदीक आ गया कोई।
लहरों का मिला साथ तो तुफ़ानों के बीच में छोड़ गया कोई।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”