ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो।

ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो।
ना लगाओ ताला ज़ुबान पे बस खुलकर बोलने का अधिकार रहने दो।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो।
ना लगाओ ताला ज़ुबान पे बस खुलकर बोलने का अधिकार रहने दो।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”