सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के।

सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के।
करे सौदा कोई चांद का तो कोई लगाए बोली सितारों की।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के।
करे सौदा कोई चांद का तो कोई लगाए बोली सितारों की।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”