क्यों हो इतनी उदास

क्यों हो इतनी उदास..ज़रा मुस्कराओ।
आओ पास बैठ कर..ज़रा मन बहलाओ।
देखो तो कितनी हसीं है ये तितलियां
पंख खोलो तुम .. फूलों पर मंडराओ।
माना राह पथरीली है जीवन के सफ़र की
उड़ान ऊंची भरो ..पैर हवा में टिकाओ।
दूसरों की खुशियों से हो कैसी जलन
बदलो मनःस्थिति..तुम भी खुशियां मनाओ
हारने का कभी ,मलाल न करना तुम
कोशिश बार बार करो..और जीत जाओ।
सुरिंदर कौर