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12 Mar 2025 · 1 min read

कोई नहीं साथ

कोई नहीं साथ
कोई नहीं साथ, फिर भी खेलूँगा मैं होली ।
तमन्ना तसल्ली से करुँगा मैं ठिठोली ।।
आँखों की पिचकारी में ऑंसू के रंग भरकर,
यादों की भाँग पीकर खाऊँगा गम की गोली ।।।

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