सिमट के रह गए , परछाइयों में शौक़ से तारे
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
आत्म दीप की थाह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
*अच्छा जिसका स्वास्थ्य है, अच्छा उसका हाल (कुंडलिया)*
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
प्रेम होना ही सबसे बड़ी सफलता है
तेरे होने से ही तो घर, घर है