Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2025 · 1 min read

आत्म दीप की थाह

///आत्म दीप की थाह///तीन

सुमन सहज खिल उठे,
उर अंचल की ज्वाला में।
दीप जला ज्योति जगाने,
प्रभा जगत की आभा में।।१९।।

धूरि-धूरिमय है जग सारा,
स्नेह लसित जीवन प्रतिपग।
सुधा सहज बरसती अविरल,
प्राणों को चिर सनेह पाने में।।२०।।

अलसाई पलकें क्यों मीलित,
नीविड़ रात्रि में दृग झांकें।
चिर सज्जित आशा ही सहज,
जीवन को थामें अनुश्वासें।।२१।।

अमृत मधुता अलिस तरल,
प्रिय प्रेम सुधा सरसाने दे।
अलि दृगों को रम जाने दे,
मृदु मग जीवन लहराने दे।।२२।।

तेरी आशा मेरे उर की व्यथा,
प्राण पुलक दृग सुंदर सरसा।
मधुप विटप से मधु सुदंर,
सहज मधु मलय बन जाने दे।‌।२३।।

रश्मि रज्जु की चिर आरोही,
उरु अंचल में प्राण अवरोही।
क्षण पलक सरस झपकते,
प्रिय व्रत लिए आ जाने दे।।२४।।

ना माने यह मेरा अन्तर,
अनुताप धनु विश्व गगन चर।
सुंदर आलापों में मुकुल नव,
दृग गातों का प्रिय रश्मिकर।‌।२५।।

प्रिय के प्राणों में नित्य,
मुझे सहज खो जाने दे।
प्राणों के प्राण सुधा हित,
बन असीम समा जाने दे।।२६।।

प्रिय प्राणों के प्राण चितेरे,
मधु पुष्पों के अलिक घनेरे।
प्रिय व्रत पा सहज पथ पर ,
नद सरिता सम बह जाने दे।।२७।।
प्रिय अन्तरतम पाने दे।।।
* समाप्त*

स्वरचित मौलिक रचना
प्रो. रवींद्र सोनवाने ‘रजकण’
बालाघाट (मध्य प्रदेश)

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
View all

You may also like these posts

परिचय
परिचय
Manoj Shrivastava
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
"किताब के पन्नों में"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
"राहों की बाधाओं से ,
Neeraj kumar Soni
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
Shweta Soni
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
जो हुआ, वह अच्छा ही हुआ
gurudeenverma198
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
/-- रंग गुलों के --/
/-- रंग गुलों के --/
Chunnu Lal Gupta
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
ज्ञान सत्य मूल्य है
ज्ञान सत्य मूल्य है
Rambali Mishra
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
अनुज सुधीर
अनुज सुधीर
Sudhir srivastava
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
हमसे नजरें चुराओगे कब तक
Jyoti Roshni
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
रुद्र सा होगा प्रलयंकर
रुद्र सा होगा प्रलयंकर
कविराज नमन तन्हा
"बचपन"
राकेश चौरसिया
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
कोई कितना बिख़र गया कैसे ,
Dr fauzia Naseem shad
देश
देश
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ये गड़ी रे
ये गड़ी रे
Dushyant Kumar Patel
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
खुद से है दूरी  मीलो की...
खुद से है दूरी मीलो की...
Priya Maithil
*आज का दोहा*
*आज का दोहा*
*प्रणय प्रभात*
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
Ajit Kumar "Karn"
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
टूटकर जो बिखर जाते हैं मोती
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
भक्त बनो हनुमान के,
भक्त बनो हनुमान के,
sushil sarna
फूलों के साथ महक का सच हैं।
फूलों के साथ महक का सच हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
Loading...