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14 Oct 2024 · 1 min read

कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम…

कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम…
कब अमन-चैन से जी सकेंगे हम…
मिलेंगे कब जीवन में सुकून के क्षण?
ज़िंदगी जीने का असली मज़ा होगा तब,
जब जाति-धर्म के भेदभाव ऊपर उठकर
सिर्फ़ हिंदुस्तानी ही कहला पाएंगे हम!!

…. अजित कर्ण ✍️

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