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25 May 2024 · 1 min read

अजब तेरी दुनिया

अजब तेरी दुनिया भगवान ऐसी रे कैसी.
चोर छोड संन्यासी को होती है फासी.
भ्रष्ट होकर भ्रष्टाचारी होता है मालामाल.
निस्वार्थ दिखा कर गरीब बेचारा होता है लाचार.
स्वार्थी बनकर भी होता है बदकार भला भला.
आदर्श दिखाकर निस्वार्थिका यहा मुहं होता है काला.
असत्य अनाचार का यहा फैला हुआ है बाजार.
आदर्श नैतिकता से यहा किसी का नही कोई सरोकार.

2 Likes · 95 Views
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