प्रेम
कुछ फासले पहले भी हुआ करते थे !
कुछ फासले अब भी हुआ करते है !!
हुआ रोग ए मोहब्बत जबसे हमको !
उसकी हर कातिल अदा से डरते है !!
चाहने वालों की नुमाइश में है हम !
दोस्त मरने की बददुआ करते है !!
देखती वह जनाजे को जब जब भी !
श्मशान को हम स्वर्ग देखा करते है !!
मरकर उसकी कातिल अदा से हम !
उसके एहसास से भी डरा करते है !!
जिंदा न कर दे कहीं बेवफा मोहब्बत !
खुदा कसम मरने की दुआ करते है !!
• विशाल शुक्ल