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15 Sep 2021 · 1 min read

रोआ के न जइहऽ

हँसावेलू हमके रोआ के न जइहऽ
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ

सहारा बना के न करिहऽ किनारा
बा उजियार तहरे से संसार सारा
मुहब्बत के दीआ बुता के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ

कबो साथ छूटे ना साथी सफ़र में
कसम खइले बाड़ू तऽ रखिहऽ जिगर में
कहीं दूर सपना सजा के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ

न रहबू सँघे तऽ कहाँ चैन आई
ना जियल बनी जान लेली जुदाई
कि हमरा से दामन छोड़ा के न जइहऽ-
नज़र से तू कहिओ गिरा के न जइहऽ

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ११/०९/२०२१

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