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19 Nov 2024 · 1 min read

*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*

कबतक रहोगे कश्मकश में
है तुम्हारा नसीब तुम्हारे ही हाथ में
चुनो अपना लक्ष्य ख़ुद तुम
आधी जीत हो जाएगी इसी बात में

खुश रखो ख़ुद को और परिवार को
हो सके तो दो कुछ योगदान समाज में
अपने काम में लगाओ अंदर की गर्मी
लेकिन रखो नरमी अपनी आवाज़ में

सबकुछ हो जाता है मेहनत से
तू भी जानता है, है दम इस बात में
तो फिर करता क्यों नहीं मेहनत
क्यों बैठा है किसी और की आस में

कुछ करके ही होगा हासिल, वरना
पपीहा हमेशा ही रहेगा प्यास में
है सपने देखना अच्छी बात केवल तभी
है उन्हें पूरा करने की धृढ़ इच्छा तुम्हारे पास में

इतना ही काफ़ी नहीं है
राह मंज़िल की और भी कठिन है
अकेले तो पहाड़ चढ़ नहीं सकते
चलना साथ लेकर सबको भी जटिल है

है यक़ीन तुमको ख़ुद पर अगर
तू पहुंच जाएगा मंज़िल पर लेकर सभी को साथ में
करना होगा अब तुम्हें कुछ इसके लिए
वरना पछताते रह जाओगे बाद में

वक्त किसी का इंतज़ार नहीं करता
फिर तू क्यों खड़ा है वक्त के इंतज़ार में
कोशिश तो कर कमसे कम
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता जीत हार में

वक्त एक जैसा नहीं रहता कभी
मेहनत करके बदल जाएगी हार भी जीत में
बहुत हो गया, मत भटक इधर उधर तू
ध्यान अपना केंद्रित रख तू सिर्फ़ अपने लक्ष्य में।

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