/– रंग गुलों के –/

/•• रंग गुलों के ••/
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रंग गुलों के सारे लेकर
नैन सभी कजरारे लेकर
नील गगन के तारे लेकर
रंग,गुलाल,गुब्बारे लेकर
— निकली है बच्चों की टोली
आओ मिलकर खेलें होली
मद्य के प्याले सारे लेकर
ढोल,मृदंग,शरारे लेकर
मस्ती,मस्त नज़ारे लेकर
हंसी,उमंग,बहारें लेकर
— निकली है बच्चों की टोली
आओ मिलकर खेलें होली
मधुवन के रस सारे लेकर
नूतन वर्ष को द्वारे लेकर
पिचकारी की धारें लेकर
रंगों की बौछारें लेकर —
— निकली है बच्चों की टोली
आओ मिलकर खेलें होली
प्रीत के सागर सारे लेकर
‘चुन्नू’चेहरे गोरे गारे लेकर
रंग,बिरंग नज़ारे लेकर
खुशियों के फब्बारे लेकर
— निकली है बच्चों की टोली
आओ मिलकर खेलें होली
/– क़लमकार –/
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)✍️