बदले की आग में मूर्ख पुरुष सोचता है वो स्त्री को बर्बाद करने
बदले की आग में मूर्ख पुरुष सोचता है वो स्त्री को बर्बाद करने का हुनर रखता है ! स्त्री को क्या कोई बर्बाद करेगा जो खुद पूर्ण सृष्टि की रचयिता है और सारे जहां को अपनी रोशनी से प्रकाशित करने का हुनर रखती है !
स्वरचित,
स्त्री शक्ति लेखनी 🙏🙏