Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

“बचपन”

एक अद्भभुुत कहानी जीवन का,
कैसे तुम्हें बता पाऊंगा?
हृदय में उदित असीम पीड़ा,
नहीं भुला पाऊंगा।
भयभीत है मन अब,
अपनी ही परछाई से,
जो बीत गया बचपन,
आजीवन नहीं पाऊंगा।
मैं चाहकर भी नहीं,
तेरा कर्ज चुका पाऊंगा,
जो लुप्त हो गई,बचपन की हंसी,
अब होठों पर नहीं पाऊंगा।
अन्तःकरण में चूभ रही,
बचपन की स्मृतियां सारी,
वे जीवन के सुखद अनुभूतियां,
मैं अश्रु पात बन जाऊंगा।

एक अद्भभुत कहानी जीवन का,
कैसे तुम्हें बता पाऊंगा?

राकेश चौरसिया

Language: Hindi
2 Likes · 168 Views
Books from राकेश चौरसिया
View all

You may also like these posts

2980.*पूर्णिका*
2980.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
सत्य कुमार प्रेमी
15. The Naughty Rat
15. The Naughty Rat
Ahtesham Ahmad
तलाश
तलाश
Dileep Shrivastava
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
” माता-पिता और गुरु में फर्क “
ज्योति
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
दो भावनाओं में साथ
दो भावनाओं में साथ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
मंजिल की तलाश
मंजिल की तलाश
Deepali Kalra
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*करते स्वागत आपका, श्री कुमार विश्वास (कुंडलिया )*
*करते स्वागत आपका, श्री कुमार विश्वास (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
पं अंजू पांडेय अश्रु
दे दो
दे दो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विचित्र
विचित्र
उमा झा
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
ज़िंदगी हो
ज़िंदगी हो
Dr fauzia Naseem shad
पंखुड़ी गुलाब की
पंखुड़ी गुलाब की
Girija Arora
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
स्वामी ब्रह्मानंद (स्वतंत्र भारत के पहले संत सांसद)
स्वामी ब्रह्मानंद (स्वतंत्र भारत के पहले संत सांसद)
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
Loading...