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24 Jul 2024 · 2 min read

पुरुष और स्त्री

Hey…!!

Listen….!!

सदियों से आर्थिक और मानसिक गुलाम रही औरतें आज भी मनोवैज्ञानिक तौर पर पुरुषों और समाज की गुलाम ही हैं। वो 21वीं सदी में भी पति को पुरुष नहीं बल्कि परमेश्वर मानती हैं और पति के द्वारा लगाए गए थप्पड़ों को प्रेम समझती हैं। अपने समाज में चालीस लोगों के सामने पत्नी और उसके परिवार को उपेक्षित या अपमानित करना एक सामान्य प्रक्रिया है। इसका विरोध न तो पत्नी स्वयं करती है और न सामने बैठी अन्य स्त्रियां क्योंकि हम मानकर चलते हैं कि पुरुष ऐसा ही होता है। स्त्रियों ने घर/बाहर, कहानी/किताबों सब जगह पुरुष को आतताई, हिंसक, प्रबल, योद्धा और नियंत्रक की भूमिका में ही देखा है। उन्होंने कभी पुरुष को रोते सिसकते नहीं देखा। उन्होंने पुरुष को कभी किसी भी स्त्री से प्रेम करते नहीं देखा… भले वो मां या बहन ही क्यों न हो! पत्नी के लिए प्रेम की परिभाषा संभोग करके बच्चे पैदा करने तक ही सीमित रही… औरतें अपने पति का प्रेम अपने बच्चों की संख्या से नापती रही हैं। जितनी संख्या में बच्चे उतनी ही मात्रा में प्रेम।

औरतों ने पुरुष के उस रूप की कभी कल्पना ही नहीं कि है जिसमें एक पुरुष पूरे समाज के सामने अपनी पत्नी/ प्रेमिका/ मां/ बहन या जवान बेटी के गाल को चूम सकता हो… उनका हाथ पकड़ सकता हो या उनके गले लगकर रो सकता हो… उन्हें वो पुरुष कभी पुरुष लगता ही नहीं जो स्त्रियों से प्रेम करता है। उन्हें सौम्य, मृदुभाषी और कोमलहृदय पुरुष के अन्दर पुरुषत्व की कमी दिखाई देती है।

पुरुषों को निर्दयी कठोर और संवेदनाशून्य बनाने में इन्हीं स्त्रियों की महती भूमिका है। यही स्त्रियां मर्द को दर्द नहीं होता बोलकर बचपन से लेकर बुढ़ापे तक पुरूषों को रोने नहीं देती! भविष्य में यही संवेदनहीन पुरुष जब इन पर अत्याचार करता है, मारता पीटता है… तब रोकर रोकर उसे कोसती हैं लेकिन इन्हें इसी अत्याचार, हिंसा, कठोरता आदि में ही पुरुष के पौरष की झलक मिलती है।

इन स्त्रियों के लिए पुरुष प्रेम की परिभाषा गाल पर थप्पड़ मारने से लेकर बिस्तर पर रोंदने भर तक ही सीमित है। इसलिए इन स्त्रियों के लिए राहुल का सौम्य होना, किसी भी स्त्री को गले लगा लेना, उसे चूम लेना बचकाना लगता है।

लेकिन एक पुरुष की सबसे बड़ी योग्यता यही है कि उससे मिलने वाली स्त्री हमेशा स्वयं को सुरक्षित महसूस करे। किसी भी स्त्री से हाथ मिलाने पर, उसे गले लगाने या चूम लेने पर स्त्री के साथ साथ वह पुरुष भी सदैव सहज रहे। दोनों में से किसी एक भी व्यक्ति को लिजलिजा एहसास न हो…!!

Language: Hindi
Tag: लेख
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