Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2024 · 1 min read

विचार

विचार

जिस तरह चंद्रमा सूर्य की रोशनी से स्वयं को प्रकाशमान कर लेता है ठीक उसी तरह हम भी पुस्तकों का आश्रय पाकर खुद को प्रकाशवान, ऊर्जावान और ज्ञानवान बना सकते हैं l

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

1 Like · 120 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहर- 121 22 121 22
बहर- 121 22 121 22
Neelam Sharma
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
-0 सुविचार 0-
-0 सुविचार 0-
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Santosh kumar Miri
तुम से ही तुम्हारी मुलाकात
तुम से ही तुम्हारी मुलाकात
MEENU SHARMA
ग़म-ए-फ़ुर्क़त चुरा न ले ज़िंदगी जवां बचपन की,
ग़म-ए-फ़ुर्क़त चुरा न ले ज़िंदगी जवां बचपन की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
अशकों से गीत बनाता हूँ
अशकों से गीत बनाता हूँ
Kanchan Gupta
विजय बिजनौरी
विजय बिजनौरी
विजय कुमार अग्रवाल
परित्यक्त अपने को सक्षम करें।
परित्यक्त अपने को सक्षम करें।
Dr.sima
नम्रता पर दोहे
नम्रता पर दोहे
sushil sharma
करके यही ख़ता बैठे
करके यही ख़ता बैठे
अरशद रसूल बदायूंनी
डर  ....
डर ....
sushil sarna
#धवल_पक्ष
#धवल_पक्ष
*प्रणय*
बात फूलों की
बात फूलों की
Namita Gupta
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
नारियों के लिए जगह
नारियों के लिए जगह
Dr. Kishan tandon kranti
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
Sonam Puneet Dubey
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
Jul 18, 2024
Jul 18, 2024
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमसफ़र 2
हमसफ़र 2
डिजेन्द्र कुर्रे
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2544.पूर्णिका
2544.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो,
Ajit Kumar "Karn"
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
Loading...