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22 Feb 2025 · 2 min read

आत्महत्या

पिछ्ले कुछ सालों में IAS और फिल्मी दुनिया के बहुत से लोगों की आत्महत्या इस बात की ओर इशारा कर रही है कि सफलता की परिभाषा जो हमें समाज में दिखाई जा रही है, वह पूर्णतः सत्य नहीं है ।

मैं रोज बहुत से युवाओं का Status सोशल-मीडिया पर देखता हूँ,
Feeling alone, feeling sad, जैसे Status से सोशल-मीडिया भरा पड़ा है,,,
अधिकतर युवा आकर्षण वाले प्रेम के दलदल से खुद को बाहर निकाल ही नहीं पा रहे हैं,
नौकरी, परिवार और भी पता नहीं कौन-कौन से दर्द, युवा अपने मन में लिये घूम रहे हैं,,

सोशल-मीडिया पर भले ही आपके दोस्तों की लिस्ट बहुत लंबी हो पर वास्तविकता यह है, की वर्तमान में अधिकतर युवा अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं,
ऐसे सभी युवाओं से मेरी अपील है कि ,आभासी दुनिया (सोशल-मीडिया) पर नहीं वास्तविक दुनिया में दोस्त बनायें,
ऐसे दोस्त जिनको आप अपने मन की बातें बता सकें, और जो आपको अच्छी सलाह दे सकें,
ऐसे दोस्त जिनके साथ आप खुल के हँस सकें,

और इतनी सी उम्र में ये चिंता लेना छोड़ दीजिए,
खुल के जीना सीखिये,
अपना कर्तव्य पूरा करते रहिए बस और सब कुछ उस ईश्वर पर छोड़ दीजिए ।
अपनी खुशियों पर बंदिश मत लगाइये कि कुछ हो जायेगा फिर खूब खुश होंगे,
अभी हँसना सीखिये,
बिन बात के हँसना सीखिये, वो गाना तो सुना ही होगा, “Love you Zindgi” बस अब यही करना है,

याद रखिये ये समय अगर निकल गया, ये उम्र अगर निकल गई फिर कभी वापस नही आएगा, कभी भी नहीं….
क्या आप किसी Person या Problem ,की वजह से अपनी ज़िंदगी ही जीना ही छोड़ देंगे क्या,,,
कल सुबह जल्दी जागिये, छत पर जाइये, प्रकृति को चारों तरफ देखिये, smile के साथ गहरी साँस अंदर भरिये और विश्वाश के साथ खुद से कहिये,,,’ बस अब और नहीं अब से मुझे बस खुश रहना है, में सब कुछ कर सकता/सकती हूँ ।’

Language: Hindi
Tag: लेख
22 Views
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