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22 Feb 2024 · 1 min read

कलम

कलम

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर एहसासों का सैलाब उमड़ा है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर किसी का भविष्य रचना है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर किसी की क़िस्मत लिखी जानी है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर किसी की आँखों मे पानी है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर वही रात तूफानी है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर किसी की इश्क़ की दास्तां लिखी जानी है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
लगता है आज फिर एक रूहानी रचना रची जानी है

आज फिर कलम की स्याही भीगी है
तेरी मेरी ये हम सब की जुबानी है

-रुपाली भारद्वाज

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 135 Views
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