परिचय
मेरा छोटा सा परिचय
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मंझधार में घिरी नौका को तूफाँ से बचाने वाला हूं
मेरा छोटा सा परिचय है मैं अग्नि कुंड की ज्वाला हूं
ना मैं साहित्य मंजरी हूं ना मैं पुष्पों की माला हूं
ना कविता का है ज्ञान मुझे ना दिनकर नहीं निराला हूं
मैं छोटा सा एक दीपक हूं बस अंधकार से लड़ता हूं
अरि मुंडों से आकाश मढ़े राणा प्रताप का भाला हूं
मेरा छोटा सा परिचय है मैं अग्नि कुंड की ज्वाला हूं
जो लगता मुझे सच के करीब मैं उनसे जुड़ जाया करता
दिखता है जहां भी अंधियारा खुद ही जल जाया करता
जग जाहिर है मेरा किस्सा मैं तूफानों का पाला हूं
मेरा छोटा सा परिचय है मैं अग्नि कुंड की ज्वाला हूं
दुनिया की रीति निराली है सागर पर पानी बरसता है
फुटपाथों पर पलने वाला बस इसी आस में पलता है
है मेरे साथ मेरी कविता जो हरदम राह दिखाती है
वह सुबह कभी तो आएगी उन सपनों का मतवाला हूं
मेरा छोटा सा परिचय है मैं अग्नि कुंड की ज्वाला हूं
आभारी हूं उन लोगों का जिनको लगती अच्छी कविता
दुनिया का खेल रचाने को नभ पर आ जाते प्रभु सविता
ना तुलसी सूर कबीरा हूं ना ही भूषण पथ वाला हूं
मेरा छोटा सा परिचय है मैं अग्नि कुंड की ज्वाला हूं
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डॉक्टर// इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गजब वह भी गायब