मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है।

मेरे हमदम ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
तुफ़ानों का नहीं है डर मांझी ख़ुदा को बनाया है।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
मेरे हमदम ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
तुफ़ानों का नहीं है डर मांझी ख़ुदा को बनाया है।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”