स्याही का भी दाम लगे और कलम भी बिक जाए।

स्याही का भी दाम लगे और कलम भी बिक जाए।
दौलत के आगे अच्छे-अच्छों की नीयत बिगड़ जाए।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
स्याही का भी दाम लगे और कलम भी बिक जाए।
दौलत के आगे अच्छे-अच्छों की नीयत बिगड़ जाए।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”