सुभोर

सुभोर
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बहुत मधुर हो रही सुभोर।
चितवन प्रिय ले रहा हिलोर।
पथ पर खिलते रहे प्रसून।
हरपल बढ़ता रहा जुनून।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य
सुभोर
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बहुत मधुर हो रही सुभोर।
चितवन प्रिय ले रहा हिलोर।
पथ पर खिलते रहे प्रसून।
हरपल बढ़ता रहा जुनून।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य