महा शिवरात्रि क्यों मनाते है
हे! भोले बाबा तुम्हारा कैसे करें हम गुणगान।
तुम्हारे नाम अनेक है,कैसे करें इनका बखान।।
सत्य भी तुम हो सारे जग हो तुम कल्याणकारी।
देवो के तुम देव हो तीनो लोको के हो अधिकारी।।
पार्वती के पति हो तुम,गणेश कार्तिक के जन्मदाता।
अपनी जटाओ से है निकाली तुमने हीं गंगा माता।।
एक हाथ मे त्रिशूल लिए हो दूसरे हाथ से डमरू बजाते
नंदी है तुम्हारी प्रिय सवारी उसी से तुम हीं आते जाते।।
पार्वती से हुआ विवाह तुम्हारा इसलिए महा शिवरात्रि मनाते।
सबका कल्याण करते हो तुम इसलिए तुम शिव शंकर कहलसते।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम