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31 May 2024 · 1 min read

पछताता हूं फिर भी

पछताता हूं फिर भी
कुछ नही पता हूं
चार दिन काम किया जिस
मिल में वहा से निकाला जाता हूं

बड़ी मसकत से एक जगह
काम मिला था
पर वो मालिक नमकहराम
निकला था

कई विभागों में जहा
बटा था काम सबका
वहा पसंद नहीं आया
विभाग मेरा

बस इतना ही बोला
था किसी और विभाग में
काम दे दो भगवान हमारे

इतनी बात पे वो
चिढ़ गया काम छोड़ दे
वो अपनी बातो पे दृढ़ हुआ

अगले दिन बुलाया था
पैसे देने जाने पे
सुना दिया चार दिन का नहीं मिलता
यहां कुछ जा चला जा नही देने

अपना भाग्य पे
पछताता हूं
पर विधाता के लेखनी
के सामने में न कुछ कर पाता हूं

Language: Hindi
74 Views

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