Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2024 · 1 min read

“कड़वी ज़ुबान”

“कड़वी ज़ुबान”
समझने वालों ने हमें कुछ ऐसा समझा,
दिल पत्थर और ज़ुबान कड़वी समझा ।
किरदार ही हमारी ऐसी है ,
जहांँ सच बोलो,
ज़ुबान कड़वी और दिल पत्थर जैसी लगती है।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

1 Like · 162 Views

You may also like these posts

Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
सर्दी पर दोहे
सर्दी पर दोहे
Dr Archana Gupta
” जिंदगी ”
” जिंदगी ”
Rati Raj
अपनी सूरत
अपनी सूरत
Dr fauzia Naseem shad
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
आर.एस. 'प्रीतम'
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
कृष्णकांत गुर्जर
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"
Dr. Kishan tandon kranti
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
असली जीत
असली जीत
पूर्वार्थ
ख़्यालों में सताना तेरा मुझ को अच्छा न लगा
ख़्यालों में सताना तेरा मुझ को अच्छा न लगा
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
Kumar Kalhans
आइए चलें भीड़तंत्र से लोकतंत्र की ओर
आइए चलें भीड़तंत्र से लोकतंत्र की ओर
Nitin Kulkarni
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
कहमुकरी : एक परिचयात्मक विवेचन
कहमुकरी : एक परिचयात्मक विवेचन
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
..
..
*प्रणय*
नेता
नेता
OM PRAKASH MEENA
Works of nowdays.
Works of nowdays.
Priya princess panwar
त्रिपदा छंद
त्रिपदा छंद
sushil sarna
बन बादल न कोई भरा
बन बादल न कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
अक्सर समय बदलने पर
अक्सर समय बदलने पर
शेखर सिंह
2847.*पूर्णिका*
2847.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
रंजीत कुमार शुक्ला
रंजीत कुमार शुक्ला
हाजीपुर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
सियासत
सियासत
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...