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27 Mar 2024 · 1 min read

जुदाई की शाम

तेरा मिलना
तेरा बिछड़ना
क्या से क्या
मुझे कर गया
ज़िंदा तो मैं
पहले भी न था
लेकिन तेरे बिना
अब मर गया…
(१)
एकाएक पके
सिर के बाल
और धब्बे पड़े
आंखों के नीचे
दर्पण में जो
देखा चेहरा तो
अपने आप से
ही मैं डर गया…
(२)
जैसे अपना
सबकुछ हारकर
लौटा करता है
जुआरी कोई
तेरी डोली के
जाने के बाद
इस तरह कल अपने
मैं घर गया…
(३)
धरती से लेकर
आकाश तक
दुनिया में रौनक
चाहे लाख सही
जिस दुनिया में
तेरा प्यार नहीं
उस दुनिया से
मेरा दिल भर गया…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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