यादों के बादल

यादों के बादल
आंखों से आँसु बन कर बरसे
जिंदगी का हर लम्हा
बिन तेरे किस क़दर बेनूर है
मोहब्बत की दुनियाँ में
रुसवाईयाँ मिलती रही
दिल ही जानता है
कितना बेकुसूर है मैं
जान भी चली जाए बेशक अब
तेरी मोहब्बत का मुझ पर
ऐसा सुरूर है
हिमांशु Kulshrestha