वीर सिपाही
जिनके कारण दिन – रात सभी,
निश्चिन्त भाव से रहते हैं।
जो रहते घर से दूर दराजें,
कष्ट से जीवन जीते हैं।
मातृभूमि के शान की खातिर,
अपनी जान जो दे देते हैं।
वह सिंह धरा के महावीर
भारत के सिपाही होते हैं
भारत के सिपाही होते हैं।।
सच्चे मां के लाल जो होते,
घर से जब गन्तव्य को जाते,
लोट के आना होगा या नहीं,
बात जिन्हें कुछ भी पता नहीं,
मां की ममता हृदय में रखकर,
प्रिया प्रेम को दिल में धरकर,
भारत मां का मान बढ़ाने,
चलते हैं जो देश बचाने,
वह सिंह धरा के महावीर,
भारत के सिपाही होते हैं।
भारत के सिपाही होते हैं।।
शीत ग्रीष्म और वर्षा में भी,
वीर पिता की वह संतानें ,
डटकर नित संघर्ष है करते,
जान गंवाने से न डरते ,
रक्त से होली पर्व मनाते,
बारूद मसाल से दीप जलाते,
जिन्हें भारतवासी शीश नवाते,
भारत के जो गर्व है होते,
हर इक शत्रु को मार गिराते,
वह सिंह धरा के महावीर,
भारत के सिपाही होते हैं।
भारत के सिपाही होते हैं।।