sp74मोबाइल ने क्या-क्या खाया
sp75 कागज कलम दवात मोबाइल में क्या-क्या खाया
*********************
कागज कलम दावात खा गई यह मोबाइल की बीमारी
मन के सब जज्बात खा गई यह मोबाइल की बीमारी
इस चैटिंग की दुनिया ने खेले कितने दिखलाये हैं
कुछ के तो दिन रात खा गई यह मोबाइल की बीमारी
@
मोबाइल ने क्या-क्या खाया
*********************
हम खुद से ही पूछ रहे हैं मोबाइल ने क्या-क्या खाया
अल्प ज्ञान से समझ में आया हमने क्या-क्या स्वत: गवाया
कागज कलम दवात खा गया सबके दिन और रात खा गया
लिखे हुए खत कहीं खो गए और शब्द खामोश हो गए
वह अफसाने मस्त तराने जिनसे कभी था मन हरषाया
मोबाइल ने क्या-क्या खाया
बचपन के दिन और जवानी यारी औ मन मस्ती छुट्टी
यह सच्चा सुख है जीवन का हमें पिलाई गई थी घुट्टी
ऐसे ही सुंदर सपनों से गया था मन को भी बहलाया
मोबाइल ने क्या-क्या खाया
गजब दौर आ गया ये नया अब ना मिलना और मिलाना
नहीं किसी से मिलने जाना नहीं किसी को घर में बुलाना
सब अपने-अपने घर में हैं लगता है मन अब अकुलाया
मोबाइल ने क्या-क्या खाया
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब