Madhu Gupta "अपराजिता" 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। उठती तीस से हम डर जाते कहीं उतर न जाए रंग ये झूठे के सारे।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 8 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "ना कृष्णा ना राम मिलेंगे" लोभ मोह ना छोड़ोगे ना छोड़ोगे लालच का भंडार। फिर कैसे पाओगे हृदय में,कृष्ण और राम का अवतार।। झूठ बोल और रिश्वत देकर,जो पूरे करोगे अपने काम। तो रह जाओगे... Hindi · कविता 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "माँ ब्रह्मचारिणी" दूसरा रूप है माँ ब्रह्मचारिणी का करो हृदय से प्रणाम।। ब्रह्मचारिणी अवतार वो कहलाती है तप की वो चरणी।। जन्म हुआ हिमालय के घर,पुत्री उनकी प्यारी कहलाई। शंकर संग जायेगी... Hindi · कविता 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read "मां चंद्रघंटा" माँ पार्वती का विवाहित रूप,है अवतार मां चन्द्रघंटा का। जब सेअर्ध चन्द्र माथे पर सजाया,तब से चन्द्रघंटा कहलाती है।। बाघिन उनका बना वाहन,हाथ मां अपने दस दर्शाती हैं।। दाहिने हाथों... Hindi · कविता 1 1 12 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read लहरों से उठती यादों का,कोई तो किनारा होगा ही। लहरों से उठती यादों का,कोई तो किनारा होगा ही। साहिल मिले या आसमान,कोई तो ठिकाना होगा ही।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 11 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read कागज़ कोरा ना रह जाए, कागज़ कोरा ना रह जाए, कलम टूटकर गिर ना जाए। कहीं गलत हाथों में आकर, स्याही का वजूद खो ना जाए।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 12 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read "कल सुबह होगी मुलाकात" खट्टी मीठी बातों की,बना लेना तुम एक किताब। कल सुबह होगी,तेरी मेरी मीठी सी एक मुलाकात।। करवटों में ना बिताना, तुम काली लंबी ये रात। अलसाई आंखों में साजना,कोई मीठा... Hindi · कविता · ग़ज़ल 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 31 Mar 2025 · 1 min read गुलिस्ता में जो भँवरा फूल संग चहकता है। गुलिस्ता में जो भँवरा फूल संग चहकता है। उड़ती तितली देख न जाने क्यों,दिल ही दिल जलता है। खुद की दिल-कशी पर जोर-शोर से लुत्फ उठाता है। फिर तितलियों की... Quote Writer 13 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 30 Mar 2025 · 1 min read "उस दरवाज़े के अंदर प्रवेश करना कितना दुश्वार हो जाता है जहा "उस दरवाज़े के अंदर प्रवेश करना कितना दुश्वार हो जाता है जहाँ आपको मालूम हो कि आपकी उपस्थित लोगों की आंखों में किरकिरी का कारण बन जाएगी।" मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 1 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 30 Mar 2025 · 1 min read "लम्हें कहाँ मिलते हैं" कल सुबह किसने देखा है, चलो आज ही मिलते हैं।। दुनिया की इस झूठी शान में, हम क्यों अपने आप को कैद रखते हैं।। कल सुबह तक क्या मालूम, सांसों... Hindi · ग़ज़ल 14 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 29 Mar 2025 · 1 min read जो करोगे गलत काम तो सिर्फ नर्क के द्वार मिलेंगे। जो करोगे गलत काम तो सिर्फ नर्क के द्वार मिलेंगे। आसमान पर नहीं इसी जहां में सारे हिसाब मिलेंगे।। जो नियत में रखोगे सयानापन और चालबाज़ी हमेशा। तो ना कृष्ण... Quote Writer 19 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Mar 2025 · 1 min read कर लेने दो थोड़ी नादानियां थोड़ी शरारत भी ज़िंदगी में जरूरी कर लेने दो थोड़ी नादानियां थोड़ी शरारत भी ज़िंदगी में जरूरी है। कब मुलाकात कौन सी हो जाए आख़िरी इस मर्जी पे किस की हुकूमत चली है।। मधु गुप्ता "अपराजिता"... Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Mar 2025 · 1 min read "रिश्तों की मृत्यु" थोड़ा सा तुम संभल जाना,थोड़ा सा हम संभल जाएं। क्यों न इस तरह,पुनः जीवित रिश्तों को करते चले जाएं।। माना थोड़ा सा मुश्किल है,मगर दिल से निभानें की करो कोशिश।... Hindi · कविता 1 18 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Mar 2025 · 1 min read "खुदगर्ज़ ज़माने में जब भी" खुदगर्ज़ ज़माने में जब भी, तुम बदलाव जो लाना चाहोगे। सैकड़ो उंगलियां तोहमत की, एक साथ तुम पर उठ जाएगी।। यही रीत जमाने की हैं लोगों, ना इनमें कभी फेर... Hindi · कविता 1 2 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Mar 2025 · 1 min read "सत्य की परीक्षा" ना भय ही सताएगा ना तूफ़ान कोई रोक पाएगा। जो निर्भय होकर सत्य की राह पर कदम बढ़ाएगा।। पग पग पर चुनौतियां सत्य की परीक्षा में आएँगी। आत्मा विमोचन से... Hindi · कविता 1 20 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Mar 2025 · 1 min read "शब्दों में खुशबू" शब्दों की गरिमा होती है अद्भुत, जो व्यक्तित्व की पहचान कराए। जो उतम शब्दों को कसे कसौटी पे, वहीं जीवन भर शब्दों की खुशबू से नहाए।। जो ना करे शब्दों... Hindi · Poem 1 24 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Mar 2025 · 1 min read ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा। ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा। धड़कने कम हो रही और मौत का शिकंजा कस रहा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 21 Mar 2025 · 1 min read "भावना का कोई मोल नहीं" भावना का कोई मोल नहीं यह दिल का अनमोल उपहार। देख पीड़ा किसी की मन की भावना के खुल उठते है द्वार।। कभी भावना सुख की तो कभी है दुख... Hindi · कविता 1 2 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 20 Mar 2025 · 1 min read मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार। मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार। ना बदला इस दुनिया में,तेरे मेरे बीच का प्यार।। देख उजाला हो गया, जो मिला दो दिलों का प्यार।। झूठी दुनिया छोड़ के... Quote Writer 1 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 17 Mar 2025 · 1 min read जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये। जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये। लो हम अपने अज़ीज़ों में अब खंज़र के समान हो गये।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 17 Mar 2025 · 1 min read क्यों ख़ाली क्यों उदास रहे..... क्यों ख़ाली क्यों उदास रहे..... क्यों किसी के कारण मन ख़राब करे, उठे जागे और चले... ख़ुद की ख़ुद से बात करे, और बातों ही बातों में... उसको बहलाने के... Quote Writer 1 1 32 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से। पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से। बनेंगे तब कहीं जाकर, बन्दे हम सलीकेदार जीवन में।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 1 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read "तेरे द्वार पर" दीन हीन थी,आके तेरे द्वार पे धनवान मैं बन गई ना बचा कोई राग द्वेष,बस आस सिर्फ़ तेरी रह गई तूने किया उपकार मुझ पर, ऐसी जिंदगी संवर गई दुख... Hindi · कविता 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read कुछ अच्छे तो कुछ बुरे निकले पर अनुभव बहुत खरे निकले। कुछ अच्छे तो कुछ बुरे निकले पर अनुभव बहुत खरे निकले। कुछ चेहरों के पीछे कई और चेहरें छुपे निकले।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read शीश नावती मैं अपना, सुन लो मेरे राम। शीश नावती मैं अपना, सुन लो मेरे राम। तेरा द्वार बना हैं मेरा, अब तो चारों धाम।। नहीं चाहिए मुझको अब, झूठी कोई भी शान। कर लो शामिल अपने में,... Quote Writer 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read ख़ुदा के फै़सले पे क्या ऐतराज़ करना । ख़ुदा के फै़सले पे क्या ऐतराज़ करना । जो है दिल के पास क्यों ना उसको स्वीकार करना।। नदी सागर को छू कर कहाँ ख़ुद की रहती। फ़िर क्यों इस... Quote Writer 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं। कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं। गली मोहल्ले सूने पड़े हैं, दोस्त पुराने दुश्मनों से जा मिले हैं।। होली के रंग अब ना लगे रहे खरे... Quote Writer 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 14 Mar 2025 · 1 min read कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े। कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े। मन हो गया पावन तन से सारे मोह घटे।। हर ओर हो गए ऊजाला ज्ञान के। अज्ञान के अंधेरे तेरी शरण में... Quote Writer 24 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 13 Mar 2025 · 1 min read "कुछ ऐसा हो जाए" कुछ ऐसा करिश्मा हो जाए, धरती अंबर से मिल जाए। चांद को भी चांदनी से इक बार, मिलने का सुनहरा अवसर मिल जाए।। नदी बुझाने प्यार सभी की, तो उसको... Hindi · कविता 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 13 Mar 2025 · 1 min read लिया गुलाल हाथ में, लिया गुलाल हाथ में, रंग लिया तन कुछ यूँ मुझसे पूछे सब मुझे, मैं हूं अब किस ओर खो गई सब सुध-बुध मेरी बन बैठी 'मैं' तो तू....!! मधु गुप्ता... Quote Writer 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है। नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है। चाहती हैं मिलूँ सागर से,मग़र वहाँ पहुँचते-पहुँचते वो सूख जाती हैं।। मधु गुप्ता “अपराजिता” Quote Writer 1 2 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read खुलकर दर्द जा़हिर भी नहीं कर पाते खुलकर दर्द ज़ाहिर भी नहीं कर पाते और छुपाने की मशक़्क़त भी बेकार जाती जब भी देखता कोई पढ़ लेता चेहरा और हम मुस्करा कर रह जाते ख़ाली।। मधु गुप्ता... Quote Writer 1 3 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था....., सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था....., जब भी कहती हूँ ये, गला जाने क्यों, रुंध सा जाता है...!! मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी। धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी। मगर होठों पे पहले जैसी ना मुस्कान बेहद ख़ास थी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read ये क्या कम हैं कि नब्ज़ अब तक चल रही हैं। ये क्या कम हैं कि नब्ज़ अब तक चल रही हैं। बेवफ़ाई के इस दौर में भी, मोहब्बत बेखौफ़ दरिया सी बह रही हैं।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read जब मैं बिख़र रही हूँ तो कोई ना मेरे नज़दीक आना। जब मैं बिख़र रही हूँ तो कोई ना मेरे नज़दीक आना। क्योंकि झूठ का साया मुझे और बेचैन कर जाता है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 11 Mar 2025 · 1 min read " " "इससे पहले कोई आपका नंबर अपने फोन से डिलीट करें। अपने आपको हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से डिलीट कर लो।।" मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Mar 2025 · 1 min read 'क्या फ़र्क पड़ता है' 'क्या फ़र्क पड़ता है' जो ना है रंग गोरा हां नाक भी है थोड़ी दबी नहीं सुंदर हैं होंठ गुलाब की पंखुड़ी से और हाँ आंखें भी तो हैं छोटी... Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 10 Mar 2025 · 1 min read जो पढ़ लेते दिल और दिमाग़ तो रोते कितनों के दिल ज़ार ज़ार। जो पढ़ लेते दिल और दिमाग़ तो रोते कितनों के दिल ज़ार ज़ार। किया रहम 'अता उस ख़ुदा ने, जिसने ये हुनर ना हमें बख़्शा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 24 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो। ना दो उपाधि देवी की बस मुझको साधारण नारी ही तुम रहने दो। ना लगाओ ताला ज़ुबान पे बस खुलकर बोलने का अधिकार रहने दो।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read धूप थी छाँव थी,फूलों की भी भरमार थी। धूप थी छाँव थी,फूलों की भी भरमार थी। मग़र होठों पर मुस्कान,पहले जैसी ना ख़ास थी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read मैं उस पल में ख़ुद को छोड़ आई हूँ मैं उस पल में ख़ुद को छोड़ आई हूँ और माँ की याद वहाँ से साथ में उठा लाई हूँ कौन कहता है वक़्त बीत गया हैं मैं आज भी... Quote Writer 32 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको। आवाज़ दो, पुकारों ज़ोर से हमको। हम है ज़िंदा या मुर्दा,झकझोरो कोई हमको ज़ोर से।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 31 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read नींद बन गई है प्रीतम और मैं उसकी विरह की मारी। नींद बन गई है प्रीतम और मैं उसकी विरह की मारी। बिना शिकवा शिकायत के हो गई 'उड़न छू' हमसे हमारी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Mar 2025 · 1 min read कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठि कठिन था बहुत कठिन था रुक कर किसी दर पे फ़िर से चलना बहुत कठिन था। मग़र यहाँ नींद से जाग कर ज़िंदा दिखाना भी सफ़र का एक चलन था।।... Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Mar 2025 · 1 min read 'महिला दिवस स्पेशल' 'महिला दिवस स्पेशल' हमीं से है रौनक घर की, हमीं से हीरे मोती के कारोबार चलते हैं। कौन कहता है दिन एक हैं हमरा, हम से तो सुबह शाम चलते... Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Mar 2025 · 1 min read "और बताओ" और बताओ हर पल को कैसे व्यतीत करते हो तुम। करते हो हंसी ठिठोली या हरदम घुटते रहते हो तुम।। पल-पल जाती घड़ियों से कुछ ख्वाब सजाते हो तुम। यह... Hindi · कविता 36 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी। चले हैं सब यही सोचकर की मंज़िल हमको मिल ही जाएगी। कहां मालूम है इनको ज़िंदगी आगे इन्हें क्या तमाशा दिखलाएगी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे। घड़ी की रफ़्तार में देखो फंसे हैं हम सभी ऐसे। ये सांस रुक भी जाए तो समय का पहिया नहीं रुकता।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 33 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Mar 2025 · 1 min read सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के। सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के। करे सौदा कोई चांद का तो कोई लगाए बोली सितारों की।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 28 Share Page 1 Next