कागज़ कोरा ना रह जाए,

कागज़ कोरा ना रह जाए,
कलम टूटकर गिर ना जाए।
कहीं गलत हाथों में आकर,
स्याही का वजूद खो ना जाए।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
कागज़ कोरा ना रह जाए,
कलम टूटकर गिर ना जाए।
कहीं गलत हाथों में आकर,
स्याही का वजूद खो ना जाए।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”