इस जीवन का क्या मर्म हैं ।
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*तू नहीं , तो थी तेरी याद सही*
ఓ తోష పంతంగమా!
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन,