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12 Mar 2025 · 1 min read

सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था.....,

सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था…..,
जब भी कहती हूँ ये, गला जाने क्यों, रुंध सा जाता है…!!
मधु गुप्ता “अपराजिता”

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