Madhu Gupta "अपराजिता" 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhu Gupta "अपराजिता" 9 Apr 2025 · 1 min read इस दिल-ए-नादाँ को है उसी की जुस्तुजू। इस दिल-ए-नादाँ को है उसी की जुस्तुजू। और उसी से हैं शिकायतें हज़ार ना जाने क्यों।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 0 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ। वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ। झूठी सच्ची एक मनगढ़ंत कहानी गढ़ के आई हूँ।। वह क्या जाने किसके कारण उसे हार मैं आई हूँ। बतला... Quote Writer 2 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read सारी उदासी उसके दिल के कोने में छुपा कर रख आई हूँ। सारी उदासी उसके दिल के कोने में छुपा कर रख आई हूँ। और हँस रही हूँ सोच के ये,की ख़रीददार ग़मों का ढूंढ लाई हूँ ।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 2 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read जहाँ बोलते हुए ना सोचना पड़े, जहाँ बोलते हुए ना सोचना पड़े, और ना बतानी पड़े उदासी की वजह। ख़ुशियो में ही नहीं दर्द में भी हाथ काँधे पे जिसका बना रहे, सही मायने में वहीं... Quote Writer 2 1 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 8 Apr 2025 · 1 min read नदिया ख़ारे समुद्र को, नदिया ख़ारे समुद्र को, अपना हमराह बनाती है। जाने है ख़ारा बहुत है, फ़िर भी हंस कर गले लगा लेती है।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 2 1 9 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 7 Apr 2025 · 1 min read "वह कल था" बीच नींद खुल गई,हो गया टूट कर चकनाचूर सपना है । खुली आंख तो लगा,कि जैसे,वो बीते कल का साया है।। आज सुनहरा सवेरा,आंखों में नया स्वप्न सजाने आया है।... Hindi · कविता 12 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा। तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा। शायद चाँद- सितारों के बीच वो,आशियाना बना बैठा।। जब भी बढ़ाए कदम,कंकड़ कोई रास्ता रोक बैठा। शायद तेरा नाम आने तक,खुदा मेरी तक़दीर लिख... Quote Writer 14 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read ना मैं इसे याद करूंगी,ना मैं उसे याद करूंगी। ना मैं इसे याद करूंगी,ना मैं उसे याद करूंगी। कसम हैं मुझे....!! आज भरी महफ़िल में,सभी को नज़रंदाज़ करूँगी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 9 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read मुझसे आ कर कोई मिलता क्यों नहीं। मुझसे आ कर कोई मिलता क्यों नहीं। क्या ज़मीन को आसमाँ आ कर खा गया।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️🙄🙄 Quote Writer 13 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 6 Apr 2025 · 1 min read ना कुछ लिखा जा रहा है ना कुछ पढ़ा जा रहा है। ना कुछ लिखा जा रहा है ना कुछ पढ़ा जा रहा है। मसला ज़िंदगी का कुछ उलझता सा जा रहा है।। जितना ढूंढ रही हूँ ख़ुद को,उतना खोने का डर... Quote Writer 1 18 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 5 Apr 2025 · 1 min read बहुत उदासी छा गई, बीच में अंधेरा भी तो आ गया, बहुत उदासी छा गई, बीच में अंधेरा भी तो आ गया, चराग़ जल के बुझ गए,ये हवा कैसी चल गई। बहारों के मौसम में, सूखे पत्तों की चुभन कहाँ से... Quote Writer 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read सारे निशाँ मिटा दिये,कोई गिला न ख़ुद से किया। सारे निशाँ मिटा दिये,कोई गिला न ख़ुद से किया। खो कर अपनी पहचान को,आबाद उसका घर किया।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 10 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read "ज़िंदगी सी किताब" कुछ में उल्लास अति सुंदर कुछ में दर्द के गीत लिखे हैं शामिल किताब सी जिंदगी में कुछ लम्हात बिना किसी जज़्बात लिखे हुए, बचपन की कुछ यादों की अमिट... Hindi · कविता 16 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 4 Apr 2025 · 1 min read आज तेरी बर्बादी का फ़रमान जारी कर आई हूँ। आज तेरी बर्बादी का फ़रमान जारी कर आई हूँ। तेरे साथ मैं अपनी भी,कहानी ख़त्म कर के आई हूँ।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 9 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Apr 2025 · 1 min read "भूले हैं हम रफ़्ता रफ़्ता" भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता,दर्द पुराना दिल का हल्का-हल्का। मग़र डर जाते उस उठती तीस से,जो रह रह कर दिल को रुलाती।। वक़्त की शय पर थी सबकी सवारी,मन की... Hindi · कविता 14 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 3 Apr 2025 · 1 min read बोली लगा दी मैंने उन तमाम ख़्वाबों की। बोली लगा दी मैंने उन तमाम ख़्वाबों की। रुलाते थे जो हर-सू हर शाम होने पे।। मधु गुप्ता “अपराजिता” Quote Writer 15 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। भूल गए हम रफ़्ता रफ़्ता ज़ख़्म पुराने आहिस्ता आहिस्ता। उठती तीस से हम डर जाते कहीं उतर न जाए रंग ये झूठे के सारे।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 15 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "ना कृष्णा ना राम मिलेंगे" लोभ मोह ना छोड़ोगे ना छोड़ोगे लालच का भंडार। फिर कैसे पाओगे हृदय में,कृष्ण और राम का अवतार।। झूठ बोल और रिश्वत देकर,जो पूरे करोगे अपने काम। तो रह जाओगे... Hindi · कविता 18 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 2 Apr 2025 · 1 min read "माँ ब्रह्मचारिणी" दूसरा रूप है माँ ब्रह्मचारिणी का करो हृदय से प्रणाम।। ब्रह्मचारिणी अवतार वो कहलाती है तप की वो चरणी।। जन्म हुआ हिमालय के घर,पुत्री उनकी प्यारी कहलाई। शंकर संग जायेगी... Hindi · कविता 17 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read "मां चंद्रघंटा" माँ पार्वती का विवाहित रूप,है अवतार मां चन्द्रघंटा का। जब सेअर्ध चन्द्र माथे पर सजाया,तब से चन्द्रघंटा कहलाती है।। बाघिन उनका बना वाहन,हाथ मां अपने दस दर्शाती हैं।। दाहिने हाथों... Hindi · कविता 1 1 21 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read लहरों से उठती यादों का,कोई तो किनारा होगा ही। लहरों से उठती यादों का,कोई तो किनारा होगा ही। साहिल मिले या आसमान,कोई तो ठिकाना होगा ही।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 20 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read कागज़ कोरा ना रह जाए, कागज़ कोरा ना रह जाए, कलम टूटकर गिर ना जाए। कहीं गलत हाथों में आकर, स्याही का वजूद खो ना जाए।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 19 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 1 Apr 2025 · 1 min read "कल सुबह होगी मुलाकात" खट्टी मीठी बातों की,बना लेना तुम एक किताब। कल सुबह होगी,तेरी मेरी मीठी सी एक मुलाकात।। करवटों में ना बिताना, तुम काली लंबी ये रात। अलसाई आंखों में साजना,कोई मीठा... Hindi · कविता · ग़ज़ल 19 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 31 Mar 2025 · 1 min read गुलिस्ता में जो भँवरा फूल संग चहकता है। गुलिस्ता में जो भँवरा फूल संग चहकता है। उड़ती तितली देख न जाने क्यों,दिल ही दिल जलता है। खुद की दिल-कशी पर जोर-शोर से लुत्फ उठाता है। फिर तितलियों की... Quote Writer 20 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 30 Mar 2025 · 1 min read "उस दरवाज़े के अंदर प्रवेश करना कितना दुश्वार हो जाता है जहा "उस दरवाज़े के अंदर प्रवेश करना कितना दुश्वार हो जाता है जहाँ आपको मालूम हो कि आपकी उपस्थित लोगों की आंखों में किरकिरी का कारण बन जाएगी।" मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 1 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 30 Mar 2025 · 1 min read "लम्हें कहाँ मिलते हैं" कल सुबह किसने देखा है, चलो आज ही मिलते हैं।। दुनिया की इस झूठी शान में, हम क्यों अपने आप को कैद रखते हैं।। कल सुबह तक क्या मालूम, सांसों... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 29 Mar 2025 · 1 min read जो करोगे गलत काम तो सिर्फ नर्क के द्वार मिलेंगे। जो करोगे गलत काम तो सिर्फ नर्क के द्वार मिलेंगे। आसमान पर नहीं इसी जहां में सारे हिसाब मिलेंगे।। जो नियत में रखोगे सयानापन और चालबाज़ी हमेशा। तो ना कृष्ण... Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Mar 2025 · 1 min read कर लेने दो थोड़ी नादानियां थोड़ी शरारत भी ज़िंदगी में जरूरी कर लेने दो थोड़ी नादानियां थोड़ी शरारत भी ज़िंदगी में जरूरी है। कब मुलाकात कौन सी हो जाए आख़िरी इस मर्जी पे किस की हुकूमत चली है।। मधु गुप्ता "अपराजिता"... Quote Writer 25 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 27 Mar 2025 · 1 min read "रिश्तों की मृत्यु" थोड़ा सा तुम संभल जाना,थोड़ा सा हम संभल जाएं। क्यों न इस तरह,पुनः जीवित रिश्तों को करते चले जाएं।। माना थोड़ा सा मुश्किल है,मगर दिल से निभानें की करो कोशिश।... Hindi · कविता 1 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Mar 2025 · 1 min read "खुदगर्ज़ ज़माने में जब भी" खुदगर्ज़ ज़माने में जब भी, तुम बदलाव जो लाना चाहोगे। सैकड़ो उंगलियां तोहमत की, एक साथ तुम पर उठ जाएगी।। यही रीत जमाने की हैं लोगों, ना इनमें कभी फेर... Hindi · कविता 1 2 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 25 Mar 2025 · 1 min read "सत्य की परीक्षा" ना भय ही सताएगा ना तूफ़ान कोई रोक पाएगा। जो निर्भय होकर सत्य की राह पर कदम बढ़ाएगा।। पग पग पर चुनौतियां सत्य की परीक्षा में आएँगी। आत्मा विमोचन से... Hindi · कविता 1 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Mar 2025 · 1 min read "शब्दों में खुशबू" शब्दों की गरिमा होती है अद्भुत, जो व्यक्तित्व की पहचान कराए। जो उतम शब्दों को कसे कसौटी पे, वहीं जीवन भर शब्दों की खुशबू से नहाए।। जो ना करे शब्दों... Hindi · Poem 1 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 22 Mar 2025 · 1 min read ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा। ज़िंदगी और मौत के बीच का फ़ासला,रफ़्ता रफ़्ता घट रहा। धड़कने कम हो रही और मौत का शिकंजा कस रहा।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 21 Mar 2025 · 1 min read "भावना का कोई मोल नहीं" भावना का कोई मोल नहीं यह दिल का अनमोल उपहार। देख पीड़ा किसी की मन की भावना के खुल उठते है द्वार।। कभी भावना सुख की तो कभी है दुख... Hindi · कविता 1 2 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 20 Mar 2025 · 1 min read मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार। मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार। ना बदला इस दुनिया में,तेरे मेरे बीच का प्यार।। देख उजाला हो गया, जो मिला दो दिलों का प्यार।। झूठी दुनिया छोड़ के... Quote Writer 1 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 17 Mar 2025 · 1 min read जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये। जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये। लो हम अपने अज़ीज़ों में अब खंज़र के समान हो गये।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 37 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 17 Mar 2025 · 1 min read क्यों ख़ाली क्यों उदास रहे..... क्यों ख़ाली क्यों उदास रहे..... क्यों किसी के कारण मन ख़राब करे, उठे जागे और चले... ख़ुद की ख़ुद से बात करे, और बातों ही बातों में... उसको बहलाने के... Quote Writer 1 1 35 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से। पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से। बनेंगे तब कहीं जाकर, बन्दे हम सलीकेदार जीवन में।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 1 32 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read "तेरे द्वार पर" दीन हीन थी,आके तेरे द्वार पे धनवान मैं बन गई ना बचा कोई राग द्वेष,बस आस सिर्फ़ तेरी रह गई तूने किया उपकार मुझ पर, ऐसी जिंदगी संवर गई दुख... Hindi · कविता 22 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 16 Mar 2025 · 1 min read कुछ अच्छे तो कुछ बुरे निकले पर अनुभव बहुत खरे निकले। कुछ अच्छे तो कुछ बुरे निकले पर अनुभव बहुत खरे निकले। कुछ चेहरों के पीछे कई और चेहरें छुपे निकले।। मधु गुप्ता "अपराजिता" ✍️✍️ Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read शीश नावती मैं अपना, सुन लो मेरे राम। शीश नावती मैं अपना, सुन लो मेरे राम। तेरा द्वार बना हैं मेरा, अब तो चारों धाम।। नहीं चाहिए मुझको अब, झूठी कोई भी शान। कर लो शामिल अपने में,... Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read ख़ुदा के फै़सले पे क्या ऐतराज़ करना । ख़ुदा के फै़सले पे क्या ऐतराज़ करना । जो है दिल के पास क्यों ना उसको स्वीकार करना।। नदी सागर को छू कर कहाँ ख़ुद की रहती। फ़िर क्यों इस... Quote Writer 23 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 15 Mar 2025 · 1 min read कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं। कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं। गली मोहल्ले सूने पड़े हैं, दोस्त पुराने दुश्मनों से जा मिले हैं।। होली के रंग अब ना लगे रहे खरे... Quote Writer 29 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 14 Mar 2025 · 1 min read कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े। कदम तेरे द्वार पे जब भी मेरे पड़े। मन हो गया पावन तन से सारे मोह घटे।। हर ओर हो गए ऊजाला ज्ञान के। अज्ञान के अंधेरे तेरी शरण में... Quote Writer 28 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 13 Mar 2025 · 1 min read "कुछ ऐसा हो जाए" कुछ ऐसा करिश्मा हो जाए, धरती अंबर से मिल जाए। चांद को भी चांदनी से इक बार, मिलने का सुनहरा अवसर मिल जाए।। नदी बुझाने प्यार सभी की, तो उसको... Hindi · कविता 33 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 13 Mar 2025 · 1 min read लिया गुलाल हाथ में, लिया गुलाल हाथ में, रंग लिया तन कुछ यूँ मुझसे पूछे सब मुझे, मैं हूं अब किस ओर खो गई सब सुध-बुध मेरी बन बैठी 'मैं' तो तू....!! मधु गुप्ता... Quote Writer 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है। नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है। चाहती हैं मिलूँ सागर से,मग़र वहाँ पहुँचते-पहुँचते वो सूख जाती हैं।। मधु गुप्ता “अपराजिता” Quote Writer 1 2 30 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read खुलकर दर्द जा़हिर भी नहीं कर पाते खुलकर दर्द ज़ाहिर भी नहीं कर पाते और छुपाने की मशक़्क़त भी बेकार जाती जब भी देखता कोई पढ़ लेता चेहरा और हम मुस्करा कर रह जाते ख़ाली।। मधु गुप्ता... Quote Writer 1 3 27 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था....., सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था....., जब भी कहती हूँ ये, गला जाने क्यों, रुंध सा जाता है...!! मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 1 2 26 Share Madhu Gupta "अपराजिता" 12 Mar 2025 · 1 min read धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी। धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी। मगर होठों पे पहले जैसी ना मुस्कान बेहद ख़ास थी।। मधु गुप्ता "अपराजिता" Quote Writer 35 Share Page 1 Next