तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा।

तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा।
शायद चाँद- सितारों के बीच वो,आशियाना बना बैठा।।
जब भी बढ़ाए कदम,कंकड़ कोई रास्ता रोक बैठा।
शायद तेरा नाम आने तक,खुदा मेरी तक़दीर लिख बैठा।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
✍️✍️🙄🙄
तन्हा उदास छोड़कर,वो दूर जा बैठा।
शायद चाँद- सितारों के बीच वो,आशियाना बना बैठा।।
जब भी बढ़ाए कदम,कंकड़ कोई रास्ता रोक बैठा।
शायद तेरा नाम आने तक,खुदा मेरी तक़दीर लिख बैठा।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
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