Posts Language: Hindi 1.2L posts List Grid अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो *कुछ काम करो , कुछ काम करो* जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 May 2024 · 1 min read संवेदना बदल गई संवेदना बदल गई नये रूप में हो गई दुःख दर्द के फोटो मोबाइल से खीचते । सहयोग करना दूर फोटो अब मशहूर भेज भेज ग्रुपो पर वाह वाही ही लूटते।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · हास्य-व्यंग्य 1 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं, आओ कुछ ऐसा करें *सत्य से सबका परिचय कराएं , आओ कुछ ऐसा करें* सिंहासन डोल जाएँ , आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा – कतरा देश काम आए दिलों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया *खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया* हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर नया , नाउम्मीदी का शोर नया नाकाबिल चरित्रों का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं *खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं* खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं पंक्षी भी मधुर स्वर में गुनगुनाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में *खिलेंगे फूल राहों में* ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी *कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी* मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी *बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी* धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर मेरे , बस जाओ मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं *फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं* भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 May 2024 · 1 min read नींद पर दोहे लूट छीन खा बेहतर, रहो महल में आप। रेशम के गद्दे मिलें, नींद नहीं पर श्राप।।//1 हित चाहे जो और का, करे प्रेम की बात। नींद उसे अच्छी मिले, मिले... Hindi 1 5 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना *कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो* मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रेरणादायक 4 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read *समय* *समय पर जागो , समय पर सोओ* समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता *विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता* भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको *युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको* सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी में ख़ुशी के पल आशा की नई किरणों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read इक आदत सी बन गई है कुछ तो ख़ास होगा तेरी शख्सियत में कितू जिन्दगी की इक आदत सी बन गई है मुमकिन है मैं जी पाऊं तुझ बिन मगर जिंदगी जी पाएगी तुझ बिन लगता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share RAMESH SHARMA 5 May 2024 · 1 min read दामन में नित दाग कर देना ही ठीक है,रिश्तों का परित्याग । देते हों जो आपके, दामन में नित दाग ।। रमेश शर्मा. Hindi · दोहा 1 12 Share Raju Gajbhiye 5 May 2024 · 1 min read नेता नेता आहत भावनाओं के बोल बोलते हैं बिगड़े हूऐ आचरण करते हैं फिर भी संन्यासी बगुला भगत बनते हैं पकड़े गऐ तो भी, दूधिया धुला करते हैं मुँह में राम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 5 May 2024 · 1 min read काल का स्वरूप🙏 काल का स्वरूप🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🕜 बसंत सुहानी सुर रसीला मधुबन बरखा संग सजीला गात लचीला विराट स्वरूपा सौ मयूरी की नाच दिखाता लपक झपक राधा बरज़ोरी बड़े मज़े की ये संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read या तुझको याद करूं जब तू नहीं थी खुद से बात किया करता था कभी तन्हाइयों में, कभी खामोशियों में दिल से दिल की बात साझा कर लिया करता था वक्त की परतें खोलकर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया सावन को बादलों में झूमते हुए जो देखा बारिश की बूंदों को मचलते जो देखा बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया सुबह की नरम धूप में फूलों को खिलते... Poetry Writing Challenge-3 · Poem · कविता 1 4 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read कहानी कोई भी हो चांद सी चमक क्षितिज में जाकर भी चमकते रहना। विपरीत परिस्थितियों में यू ही हरदम दमकते रहना ।। कोई देखता क्या कभी मुरझाए हुए फूल की तरफ। खिले हुए फूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share डॉ. एकान्त नेगी 5 May 2024 · 1 min read इक तेरी ही आरज़ू में इक तेरी ही आरज़ू में कभी दिन ढल जाए कभी पलकों में रात ठहर जाए रात की तन्हाई भी जाने क्यों हुई आज बेवफा गीत कोई गुनगुनाकर गहरी नींद में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 4 Share Ekta chitrangini 5 May 2024 · 2 min read संवेदना जो भाव मन मे आये वो संवेदना , लेशमात्र जो मन को छू जाए वो भी संवेदना। जो अनुभूति हो वो भी संवेदना, खुशी के पल हो ,चाहे हो वेदना।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 9 Share Suryakant Dwivedi 5 May 2024 · 1 min read एक हमारे मन के भीतर गीत एक हमारे मन के भीतर मन रहता है बोलो बोलो कुछ भी बोलो सच कहता है कितना पानी, कितना सागर सब जाने है डूबे हम तुम कहां कहां पर... Hindi · गीत 7 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "मेरे मन की बगिया में" ऐसे उतरता है तेरा ख़्याल, मेरे मन की बगिया में!! चाँदनी ज्यों उतरती है, हौले-से घर के आँगन में!! बस वैसे ही कभी मालती-सा, महक उठता है तन-मन मेरा, जैसे... Hindi · कविता 6 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही" जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही, किस कारण हमसे इतनी बंदगी कर रही!! इस क़दर उलझे हैं हम इन भंवर जालों में, अच्छे काम करके भी हमें शर्मिंदगी कर... Hindi · कविता · ग़ज़ल 6 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 2 min read भोर अध्यात्म का निनाद सुन तिमिर निशा में भोर भय खा गया हुई प्रभात तो भोर शोर ज्ञान सुन हृदय कुंज को भी भा गया हुई प्रचण्ड जब दीप ज्योत धर्म... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 5 May 2024 · 1 min read ग़ुरूर गुरूर वेंटीलेटर पर है आक्सीजन नहीं चाहिए उसे वो मुक्ति चाहता है.... भगवान भरोसे गर बच गया तो मुक्ति की युक्ति चाहता है वो समझ गया है सबकुछ नश्वर है... Hindi · कविता 1 22 Share Dr Archana Gupta 5 May 2024 · 1 min read जिन बातों को सह गए,हम पाने को चैन जिन बातों को सह गए,हम पाने को चैन वे बातें खाती रहीं, हमको हर दिन रैन हमको हर दिन रैन, बताती रहतीं हरदम सहना भी अन्याय,नहीं विष पीने से कम... Hindi · कुंडलिया 3 9 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read दर्शन तुम्हें देखना चाहे जब मन,देख सकूं आंखों का दर्पण हो आभास अस्तित्व मेरे में,नाथ हो तन मन में स्पंदन दशो दिशाएं वसुधा अम्बर, एक तू ही अखंड कलाधर तू प्रकृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "तितली जैसी प्यारी बिटिया": कविता उड़ती हुई तितली के, जैसी आजाद हो तुम, खिलते हुए फूलों के, जैसी खूबसूरत हो तुम!! घाट की प्यारी हवा की, महकती एहसास हो तुम, पत्तों पर इतरती-इठलाती, वो ओस... Hindi · कविता 7 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read स्वयं को जानिए सत्य का हो बोध जब हम मनुज जीवन जिएं हो अहिंसा स्वभाव में क्रोध को भी हम पिएं अपरिग्रह ब्रह्मचर्य और परस्पर सद्व्यवहार हो कर्म तुमको हो समर्पित, वाणी मधुरता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वाक़िफ़ तेरी नजाकत और उल्फत से वाकिफ हूं, मेरे सब्र का इंतिहान आजमाने की कोशिश ना कर। बिखर जाएगा तेरा गुरूर यूं पतझड़ की तरह तिनका तिनका।। आखिर कब तक छुपा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Dr. Priya Gupta 5 May 2024 · 1 min read *पीड़ा* *पीड़ा* दुख की बातें, मत करो मुझसे। शायद मेरा ह्रदय, याद ना कर सके। वो पीड़ा-युक्त रातें, जहां खड़ी ललाट पर। ढूंढ रही थी, खुशियों का तिनक सवेरा। जहां अश्रु-धारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read नफरत की आग हाँ जरुरत नहीं है मुझे दावानल की तेरी रुसवाई ही काफी है मेरी हस्ती मिटाने को हाँ गैरो ने ही सँभाला है मुझको अँधेरो मे ठोकरे खाता रहा तेरे दीदार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read हम तो ऐसे नजारों पे मर गए: गज़ल हम तो ऐसे नजारों पे मर गए, आप बिलावजह बादलों से डर गए!! गम आए करीब हमने भाव नहीं दिया, मस्तियां बिखेरी हम जिधर भी गए!! समझ गए भाव जी... Hindi · ग़ज़ल 4 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read अकेलेपन का अंधेरा अफसोस नहीं है अकेले जाने का मुझे गम है इस जमाने का कहते हैं गिरगिट रंग बदलता है परंतु उसका यह ढंग है अपने आप को बचाने का अगर पैमाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read गौरैया क्यों भूल गए मोहे मेरे भैया मैं तो तेरे आंगन की गौरैया बच्चों का मन बहलाती इधर उधर फुर्र हो जाती बनाओ इमारत चाहे ऊंची खिड़की एक रखो तो छोटी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read चेतावनी हिमालय की वर्षों से पुकार लगा रहा हूं वेदना सबको बता रहा हूं लेकिन मानव तू वधिर हो गया अश्रु निरंतर मैं वहा रहा हूं।। तब जाकर प्रतिकार किया मैं हिमालय बतला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share Dr.Pratibha Prakash 5 May 2024 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला तुम शक्ति सप्तशती तुम ही काली तुम कपालिनी ……………..नारी तू नारायणी गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले तुमसे स्नेह पराग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 4 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित) मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए, जिसके बराबर चल सकूं वो हमसफ़र चाहिए!! अमीर लड़के के सोने की पिंजरे में कैद नहीं होना, ना ही चाभी की जीती... Hindi · कविता · ग़ज़ल 5 Share Saraswati Bajpai 5 May 2024 · 1 min read संवेदना जगत की इस दौड़ में अब नित खो रहीं संवेदनाएँ, कल्पना के शिखर चढ़ने को पाँव तले दबती संवेदनाएँ, इतनी जल्दी में सभी हैं छोड़ भागे संवेदनाएँ, सुख में हों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 8 Share संजीवनी गुप्ता 5 May 2024 · 1 min read फकीरा मन बन फकीरा घूमे मन इधर - उधर, पीर पराई सबकी मांगे ये उधार, रोक ना इसे, इसमें कर सुधार। संवेदनशील हृदय पी हलाहल कहलाये शिवाय, तन बने शिवालय, मन देवालय।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 Share Heera S 5 May 2024 · 1 min read कविता. कविता ******** सदियों से इन्दज़र कर रही हूँ मैं अपनी पुरानी किताब के साथ इक कविता को जनम देने केलिए. युगों से बैठा है मैंने इस पेड़ के नीचे अपनी... Poetry Writing Challenge-3 5 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read अगर तुम कहो नेह से एकटक देख तुमको प्रिये मौन का गीत गा लूंँ अगर तुम कहो होंठ माथे पे रख कर के सांँसों से मैं रूह को रंँग लगा लूंँ अगर तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 9 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read तुम्हारा पहला पहला प्यार तुम्हारा पहला पहला प्यार उस दिल में आशाएंँ अगणित इस में ज़ख़्म हज़ार । होंठो से हर पनघट रूठा क्या जानो मुरली से मुरलीधर छूटा क्या जानो सपनों में आती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा, जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!! ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की, ना हमको कोई तलब होगी किसी... Hindi · कविता · ग़ज़ल 6 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read नाख़ूनों पर आँखें फिर जल रहीं हैं फिर जकड़ लिया है बदन को किसी ने फिर अधरों को आभास हो रहा है कि जिस प्याले को अपना समझा उसमें न मधु था,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read लड़कियांँ इतनी सुंदर भी होती हैं तुम्हारे बदन से आ रही पसीने की गंध बहुत अपनेपन से भरी है क्योंकि यह बताती है कि तुम भी मेहनत कर के लौट रही हो, मेरी तरह ! तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ सपनों में मुस्काने वाली दिल में तड़प जगाने वाली माथे पर सावन की सांँसें कुछ ही दिनों में पाने वाली आज अचानक पूछ रही है मैं तुम्हारी क्या लगती हूंँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 7 Share Page 1 Next