ज़िन्दगी की उलझनों के सारे हल तलाश लेता
कसौटी से गुजारा जा रहा है
भूखों का कैसा हो वसंत / राजकुमार कुंभज
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज महाकुंभ मेला का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या है। इस दिन
खुद का मनोबल बढ़ा कर रखना पड़ता है
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार।
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
Good morning 🌄🌞 सुप्रभात साथियों
अब हिम्मत नहीं होती दर्द बांटने की